Top Important of Health Education

Definitions of Health Education

स्वास्थ्य शिक्षा स्वास्थ्य को सभी स्तरों पर विकसित करने के लिये अनिवार्य विषय है। सामुदायिक स्वास्थ्य (Community health) की कुँजी स्वास्थ्य शिक्षा (Health education) है। प्राप्त स्वास्थ्य के ज्ञान (knowledge about health) को इच्छुक व्यक्तियों और दायिक व्यवहारिक तरीकों में शैक्षिक प्रक्रिया द्वारा पहुँचाना”

Educational process

Health education is the translation of what is known about health into Jesirable individual and community behaviour patterns by means of an

स्वास्थ्य शिक्षा स्वास्थ्य देख-भाल का भाग है। प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मी Community health worker) चाहे वह चिकित्सक हो या परिचारिका (Doctor or Vase) पर स्वास्थ्य शिक्षक (health educator) होता है।

र स्वास्थ्य शिक्षा का उद्देश्य है मित्रों को जीतना और लोगों को प्रभावित करना ताकि वे स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकें।
स्वास्थ्य शिक्षा एक प्रक्रिया है जो लोगों के स्वास्थ्य, अभ्यासों के परिवर्तनों और इन पविर्तनों से सम्बन्धित ज्ञान व विचारों को प्रभावित करती है। भारतवर्ष में अधिकतर लोगों बीमार पड़ना उनके द्वारा व्यक्तिगत स्वास्थ्य के साधारण नियमों की अवहेलना या इन पंचों की व्यवहारिकता में अन्तर होने के कारण होता है।
स्वास्थ्य शिक्षा का उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य ज्ञान और स्वास्थ्य व्यवहारों के मध्य पुल संधना है।

स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्य (Aims of the Health Education)

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा के निम्न उद्देश्य बनाए गये हैं-

(1) यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्वास्थ्य समुदाय की मूल्यवान प्रविष्टि (asset) है।

(1) लोगों में अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को सुलझाने के लिए इन्हें चतुराई, ज्ञान एवं भावनाओं (skills, knowledge and attitudes) से सम्पन्न करना।

(ii) स्वास्थ्य सेवाओं के विकास और उचित उपयोग को उन्नत बनाने के लिए।

स्वास्थ्य शिक्षा एक विशाल आन्दोलन के रूप में तीन बड़े उद्देश्यों से मूलतः सम्बन्ध खती है-प्रथम, अवहेलना (ignorance), संदेहों (doubts) और गलत विचारधाराओं misconceptions) को हटाने और चेतना जागृति करने की सूचनाओं को जनसाधारण तक पहुंचाने।

द्वितीय लोगों को अपने कार्यों और प्रयासों से स्वस्थ रहने में सहायता करने। तृतीय, को व रोगी के सम्बन्धियों को उनके रोग की शिक्षा देना। रोगग्रस्त अवस्था में देख-भाल और पुनर्वास में स्वसहायता का ज्ञान देना।

स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र (Areas of Health Education)

(community health) को दिशा में शिक्षा घटक पाया जाता है। स्वास्थ्य शिक्षा को समझने में सरलता के उद्देश्य से निम्नलिखित भागों में विभाजित कर सकते हैं-स्वास्थ्य शिक्षा (health education) उतनी ही व्यापक है जितना कि सामुदायिक

(i) मानव जीवविज्ञान (Human Biology) मानव शरीर के जैविक लक्षणों (living symptoms) का अध्ययन करना मानव जीवविज्ञान कहलाता है। एक अनविज्ञ व्यक्ति (layman) के लिए शरीर की रचना एवं कार्यों का ज्ञान उसके लिए चमत्कारी होता है। इस क्षेत्र को अज्ञानता को स्वास्थ्य शिक्षा (health education) द्वारा दूर किया जा सकता है।

(ii) पोषण (Nutrition) पोषण शरीर की मौलिक (fundamental) आवश्यकता है। इसके पूर्ण एवं पर्याप्त प्राप्त होने पर शरीर स्वस्थ रहता है। पोषण की कमी अनेक प्रकार के रोगों को जन्म देती है। इस प्रकार के कुपोषण (Malnutrition) का शिकार होने से बचने के लिए पोषण (nutrition) की शिक्षा महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है। जनसंख्या का अधिकतर भाग संतुलित आहार (balanced diet) और अनुकूलतम पोषण (optimum nutrition) के ज्ञान/शिक्षा से वंचित होता है। अतः इस क्षेत्र में स्वास्थ्य शिक्षा आवश्यक है।

(iii) स्वास्थ्य सेवाओं के उपयोग (Use of Health Services)- स्वास्थ्य शिक्षा के घोषित उद्देश्यों में से एक उद्देश्य लोगों को समुदाय स्वास्थ्य सेवाओं (community health services) के सर्वश्रेष्ठ उपभोग हेतु शिक्षित करना है।

(iv) मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) बदलते परिवेश में जहाँ शराब

(alcohol) व नशीली दवाओं का सेवन दैनिक उपयोग में हो, वयस्क बाल अपराध एवं हिंसा (violence) निरन्तर देशों में बढ़ रही हो, वहाँ मानसिक स्वास्थ्य (mental health) को सही रख पाना कठिन कार्य हो जाता है। इनसे अनेक प्रकार के मानसिक रोग उत्पन्न है। जाते हैं। अतः मानसिक स्वस्थता के लिए इस क्षेत्र में स्वास्थ्य शिक्षा अनिवार्य है।

स्वास्थ्य शिक्षा के सिद्धान्त (Principles of Health Education)

स्वास्थ्य शिक्षा व्यर्थ व हवाई (vague and airy) शिक्षा नहीं है। यह मनोविज्ञान (psychology) एवं शिक्षा (education) के निश्चित सिद्धान्तों पर आधारित है। ये सिद्धान्त निम्नलिखित हैं-

रुचि (Interest)- ज्ञान अर्जित करने के लिए व्यक्ति की उसमें रुचि लगन होना अत्यन्त आवश्यक है। बिना रुचि के ज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता है। यह मनोविज्ञान (psychology) का सुप्रसिद्ध सिद्धान्त है।

भागीदारी (Participation) भागीदारी स्वास्थ्य शिक्षा का कुंजी शब्द है। भागीदारी (participation) सक्रिय अधिगमन (active learning) के मनोवैज्ञानिक सिद्धान्त पर आधारित है। यह निष्क्रिय अधिगमन (inactive learning) से उत्तम है।

व्यापकार्थ (Comprehension) शिक्षा देने से पूर्व स्वास्थ्य शिक्षा को समझने understanding) की क्षमता एवं साक्षरता का उन व्यक्तियों में होना आवश्यक है जिन्हें यह शिक्षा दी जाती है। शिक्षा के लिए समझना (comprehension) एक प्रमुख सिद्धान्त है।

संचार (Communication) शिक्षा प्रधानतः कम्युनिकेशन का विषय है जिसमें लोगों के सीखने योग्य सूचनाएँ उन तक विभिन्न माध्यमों एवं क्रियाओं द्वारा पहुँचाई जाती है। लोगों में स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति उद्दीपन (stimutation) एवं चेतना जाग्रित करना मोटीवेशन (motivation) कहलाता है।

शक्तिवर्द्धन (Reinforcement) – शिक्षा के स्थाई एवं तत्काल (permanent and immediate) प्रभावों को प्राप्त करने के लिए इसका सशक्त बनाना आवश्यक है। इसके लिए स्वास्थ शिक्षा को बार-बार फेरने (frequent repitition) की आवश्यकता होती है इस प्रकार ज्ञान को दुहराने से शिक्षा बढ़ती है। अतः री-इनफोर्समैण्ट शिक्षा का एव सद्धान्त है।

अच्छे मानव सम्बन्ध (Good Human Relation) – शिक्षा के क्षेत्र में स्वास्थ शेक्षा मानव के शरीर से सम्बन्धित होती है। अतः इसकी सफलता के लिए शिक्षक अधिगमकर्त्ता (learner) के मध्य अच्छे मानवीय सम्बन्ध होने चाहिए। इसके लिए शिक्ष दयालुता एवं सहानुभूति (kind and sympathetic) होनी चाहिए। लोगों को इसे अ वास्तविक मित्र के रूप में स्वीकार करना चाहिए।

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