Here is Presented डॉ० रेकवेग R 28
Dysmenorrhea, amenorrhea
पीड़ाप्रद मासिक स्राव, ऋतुरोध के लिए
मूल-तत्व :
एसिडम सल्फ्यूरिक D4, एसकुलस D2, क्रोकस D4, फेरम फॉस D 8. हैमेमेलिस D 6, सीकेल कोरनट D6.
लक्षण :
पीड़ाप्रद मासिक स्राव, मासिक स्राव दब जाना या लुप्त हो जाना। माँसपेशी सम्बन्धी अरेखित तन्तुओं (unstriped muscular fibres) पर क्रिया करती है।
मासिक स्राव के दौरान अधिक रक्त बह जाने के कारण दुर्बलता की स्थितियाँ। तप्त संवेदना (flushes of heat) के बाद पसीना। पीठ के निचले भाग के आर-पार (across) दर्द।
क्रिया विधि :
एसिड सल्फ : किसी भी प्रकार का रक्त स्राव, तप्त संवेदना (flushes of heat) के बाद पसीना। थकान, घबराहट।
एसकुलस : चारित्रिक प्रभाव सामान्य शिराओं सम्बन्धी स्थिरता, पीठ के निचले भाग में होने पर स्थिति बदतर, पूरे शरीर में स्पन्दन। गर्भाशय सम्बन्धी स्थानच्युति (Prolapsus), साथ ही, पीठ के निचले भाग (बाँयी ओर) विचित्र सा दर्द, गर्भावस्था जैसा दर्द।
क्रोकस : मासिक स्राव गहरे रंग का या काला थक्केदार हो, पेट में कुछ चलने की अनुभूति, बिना गर्भपात के।
फेरम फॉस : रक्त संचरण पर शक्ति पूर्वक कार्य करता है (anaemia due to excessive menstrual bleeding), शिराओं के फैलाव के लिए सर्वोत्तम।
हेमामेलिस : रक्तस्राव में निर्दिष्ट है, शिराओं को विशेष रूप से शक्ति प्रदान करती है। सिरदर्द।
गहरे रंग का रक्त, प्रभावित अंगों में दर्द की संवेदना। रक्त बह जाने के कारण होने वाली कमजोरी (Exhaustion) |
सीकेल कॉर्नट : मुख्यतः अरेखीय पेशी-तन्तुओं पर कार्य करती है, रक्त-संकुलन, निराशा तथा गर्भाशय-निपात। संकुचन पर
प्राथमिक प्रभाव तथा द्वितीयक प्रभाव से अरेखित पेशी-तंतुओं में विस्फारण उत्पन्न करती है।
खुराक की मात्राः
गंभीरता के अनुसार, भोजन के पूर्व दिन में 4-6 बार थोड़े पानी में 10-15 बूँदें। सुधार के बाद, खुराक कम करके, प्रतिदिन 3 बार 10 बूँदें लें। पूरी तरह से रोग मुक्त हो जाने के बाद भी लंबे समय तक दवा लेते रहें। अगले मासिक स्राव के पूर्व लगभग 8 दिनों तक प्रतिदिन 5-10 बूँद दिन में दो बार (सुबह और शाम) लेना बेहतर होता है।
टिप्पणी : पीड़ायुक्त मासिकधर्म